आज कल रात दिन...तुम्हारा ही ख्याल है।।
आज कल रात दिन...
तुम्हारा ही ख्याल है।।
दिल की बस्ती पर...
तुम्हारा ही बवाल है।।
आज कल रात दिन...
तुम्हरा ही ख्याल है।।
यु कहो की तुम्हारा ही....
ख्याल है।।
रोज तो मिलती हो....
हर शाम को....
हर वक्त हो.....
नजरों के पहरे में रहो तुम...
ऐसा ये ख्याल है।।
आज कल रात दिन...
तुम्हारा ही ख्याल हैै।।
शाम ढलती ही नही...
रात कटता भी नही....
क्या कहू...
बिखरे -बिखरे से....
मेरे सवाल है।।
आज कल रात दिन..
तुम्हारा ही ख्याल है।।
राहो पर नजरें है बिछी...
इतेजार में ऐसा मेरा हाल है।।
सांसो पर होती है गुफ्तगु....
बहका बहका सा मेरा हाल है।।
आरजु भी है यही....
साथ हो तुम सदा....
साथ आनेे का तुमसे...
मेरा ये सवाल है।।
आज कल रात दिन...
तुम्हारा ही ख्याल है।।
सिलवटे भी आज.......
बिस्तर की नही बदली।।
वक्त के आइनों में...
यादोें को संजोने का ख्याल है।।
याद है वही....
वही याद्दास्त मेरा....
बहका बहका सा मेरा हाल है।।
आज कल रात दिन...
तुम्हारा ही ख्याल है।।