कैश लेस जिन्दगी के क्या आसार नजर आ रहे है?
नोटबंदी के फैसले के बाद से मानों पुरा भारतवर्ष बैंको के कतार में नजर आ रहा है । किसी को नोट बदलना है,तो किसी आपने खाते से आहरण करना है। बैंकों के आगे रोज सुबह से ही लम्बीकतार लगना शुरू हो जाता है। जरा विचार करिये कि क्या हम लोगों के पास क्या नोटबंदी के पहले क्या आॅनलाइन बैकिंग की सुविधा नहीं थी क्या? थी पेएटीएम और मोबाइल बैकिंग, मोबाइल वालेट की सुविधा थी पर हमने कभी उस ओर ध्यान दिया ही नहीं और अब हमारा ध्यानाकर्षण हो रहा है खैर हिन्दी में एक कहावत है देर सही पर दुरूस्त आए । आज भी लोगों में नेट बैंकिंग जैसे सुविधा में आने खाते का निजता भंग होने की आशंका रहता है। आप मोबाइल वालेट जैसे संसाधन उपलब्ध है। आइये थोडी जानकारी लेकर ही सही पर आप यह कसम उठा लिजिए कि हम पुरे भारतवर्ष को कैश लेस अर्थव्यवस्था की ओर ले चले ताकी जो समस्या आप अभी लाइन में खडे होकर झेल रहे है वो भविष्य में कभी न हो और भ्रष्टाचार से मुक्त भारत निर्माण में अभिन्न योगदान दें............।
चलो कैश लेश हो जाए।।