भ्रुण हत्या एक बडा अपराध है...
समाजिक मुद्दो की परिधि में एक अहम मुद्दा है भ्रुण हत्या । लोगों में पुत्र की लालसा के कारण मुख्य रूप से भ्रण हत्या होता है। भारत के कई राज्य ऐसे है जहां आज यह एक ज्वलंत समस्या है। समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक चैनलों में रोज देख लिजिए कही ना कही भ्रुण हत्या के मामले प्रकास में आते है। पर लोगों के सोच में कोई बदलाव नहीं आता है। खबरों को ये सोच लेते है की खबरों को पत्रकार बढा चढाकर रखते है। पर उस मुद्दे की गहराई और नियमों तथा प्रतिबंधों और ऐसे अवैध कार्य करने वाले डाक्टरों के खिलाफ मामले तो दर्ज कम ही होते है। शासन के द्वारा भ्रुण हत्या के निषेध के लिए कई नियम और कडे कानून बनाए है, पर वे लोग जो इसे अपना व्यवसाय समझते है वो ऐसे कामों में लिप्त रहते है। हमारे संस्कृति में डाक्टरों को पृथ्वी का भगवान कहा जाता है। विचार में एक कल्पना उठता है कि ऐसे भ्रण हत्या करने वालों के लिये कौन सी संज्ञात्मक नाम का युक्ति दिया जाए। खैर क्या कभी किसी ने ये नहीं सोचा है कि आखिर 4जी वाली लाइफ स्टाइल के दौर में जहां सोशल मीडिया जहां रोज एक नये माइल स्टोन पर झण्डे गाड रहा है। जहां छोटी सी घटना का वाइरल होने में पल भर का समय लगता है। इसी अविष्कारी दुनिया में भ्रुण हत्या के जैसे मामले कैसे हो रहे है। जरा सोचिए इसमें विफलता शासन की नहीं अपितु हम लोगों की जागरूकता और समाज के प्रति लापरवाह रहा ज्यादा है। वही ऐसे घटनाओं को अंजाम देने वालों के प्रति इतना ही कह सकते है कि सोच कोख पर भारी पडता है। समाज में बेटी बेटा दोनो एक समान है सोच बदलिये और अच्छे सोच को समाज के जन जन तक पहुचाते रहीए।।