पूनम
1. चांद भी तेरा इंतेजार करता है....
वो भी पूनम का दीदार करता है...
वाह क्या वक्त है पूनम का...
सूहागिन भी इसका इंतेजार करता है....
2. पावन वो रात आई है....
दिनों के बाद आई है....
मेरे आंगिनी वो देख....
पूनम की रात आई है....
3. कंचन कंचन मन हो गया....
तन की गंध में खो गया....
याद है वो रात तुम्हे...
पूनम में चंदन का प्रदर्षन हो गया....
4. तुम चली आना....
हो जब भी याद मेरी.....
पूनम की रमक में चली आना...
मिलने की तलब हो तेा चली आना...
5. तु पूनम सी कंचन है...
मै तम सा अधूरन हू....
मिलन के बेला में तन से मन तक....
मै करता अंनचन हू...
6. पूनम की दीदार को सूर्य अडा है....
चंद्रमा भी ताकने खडा है...
दोनो के बिच पृथ्वि सीना ताने खडा...
तब लोग कहते, चंद्रग्रहण पडा है....
7. पूनम की रजनी हो...
चांद भी सजनी हो...
हो इस कदर मिलन...
मोक्ष की जैसे तारणी हो....
8. रास की बेला आई है.....
वो भी थेाडी सरमाई....
अंग से प्रत्यंग हो रही ओढनी...
पूनम केा जैसे चांद...
नयन में उतर आई है....
9. अमावस चिरती आई है.....
तम से रजनी लाई है...
वो षांत है वो कंचन है...
पूनम केा चंाद आई है.....
10. चाल पास चले...
रात है छू लू...
ये कायास कर ले...
वो देख पूनम है चांद को...