Monday, November 28, 2022

क्रेडा की विभिन्न योजनाओं के प्रति ग्रामीणों में बढ़ती जागरुकता / Increasing awareness among villagers about various schemes of CREDA



                   (अभिव्यक्ति)


छत्तीसगढ़ गांवों का प्रदेश है ; पंचायत विभाग के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के अंतर्गत 11 हजार 6 सौ 64 ग्राम पंचायतें हैं। गांव को श्री देसाई जी कुछ इस तरह परिभाषित करते हैं कि, 'गांव ग्रामीण समाज की इकाई है, यह वह रंगमंच है जहां ग्रामीण जीवन का एक प्रमुख भाग स्वयं प्रकट होता है और कार्य करता है।' वहीं प्रो. रवीन्द्रनाथ मुकर्जी गांव की पृष्ठभूमि को उद्घृत करते हुए कहते हैं, “गांव वह समुदाय है, जहां अपेक्षाकृत अधिक समानता, अनौपचारिकता, प्राथमिक समूहों को प्रधानता, जनसंख्या का कम घनत्व होता है।” यानी गांव का परिवेश जो कृषिभूमि से घिरा होता है। गांवों को शहर से जोड़ने वाली सड़क से लेकर गांव के लोगों तक राशन,पानी और निवास के लिए कई योजनाएं संचालित है। गांवों के भ्रमण के दौरान पायेंगे कि गांवों कई जगह सौर-सेल से चलने वाले पंम्पों को स्थापित किया गया है। लेकिन लोगों में या कहें अशिक्षित या कम जानकार लोगों तक ये योजनाओं की पत्तासाजी कम है। 
               अक्षय ऊर्जा स्रोतों एवं ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों से संबंधित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन वर्ष 2001 के 25 मई को क्रेडा यानी छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण का गठन किया गया है। यह सोसाइटी अधिनियम 1973 के तहत पंजीकृत निकाय ऊर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत है। क्रेडा को राज्य सरकार द्वारा राज्य नोडल एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया है। ऊर्जा के गैर-पारंपरिक और नवीकरणीय स्रोतों के विकास और संवर्धन के लिए। भारत सरकार के गैर-पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (एमएनआरई) मंत्रालय द्वारा प्रायोजित बायो-गैस विकास, सौर तापीय, सौर फोटो वोल्टाइक, दूरस्थ ग्राम विद्युतीकरण और बायोमास गैसीफायर पर राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसी अधिकांश योजनाएँ क्रेडा द्वारा कार्यान्वित की जाती हैं।
            उद्देश्यपूर्ण लक्ष्यों की बात करें तो,राज्य में विभिन्न नई और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों को लोकप्रिय बनाने के लिए आवश्यक नीतियों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। ऊर्जा के गैर-परंपरागत और नवीकरणीय स्रोतों का विकास और लोकप्रियकरण और ऊर्जा संरक्षण गतिविधियाँ और ऊर्जा दक्षता के नए और नवीकरणीय स्रोतों के क्षेत्रों में कार्यक्रमों या प्रदर्शन परियोजनाओं को प्रायोजित, समन्वयित और बढ़ावा देना है। केंद्र और राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय में ईसी अधिनियम 2001 के अधिदेशों को सक्रिय रूप से पूरा करना है। क्रेडा ने सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में पिछले 11 वर्षों के दौरान 400 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसके परिणामस्वरूप 40 मेगावाट बिजली गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न हुई है।
             योजनाओं के सुनहरे रोड़ मैंप तो हैं लेकिन जानकारी और अशिक्षा के चलते ग्रामीण लोगों को समय पर जानकारी नहीं मिल पाता है। वर्तमान समय में ऐसे कई उदाहरण है जो योजनाओं और हितग्राहियों के बीच लम्बी दूरी को प्रदर्शित करते हैं। लेकिन उन कर्मठ ब्यूरोक्रेट्स और कार्मिकों की सराहना करना आवश्यक है जो इन योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए आम लोगों और योजनाओं की जानकारी के बीच कनेक्टिंग ब्रिज के रूप में कार्य करते हैं।

लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़