Friday, September 23, 2022

वैश्विक स्तर पर नारियल के उत्पादों की मांग में बढ़ोत्तरी / Increasing demand for coconut products globally


                                (अभिव्यक्ति



भारतीय संस्कृति में नारियल का स्थान पवित्र माना जाता है। किसी पुनीत कार्य हो या अनुष्ठान नारियल के बीना पूर्ण नहीं होता है। नारियल जो बाहरी आवरण से सख्त और आंतरिक भाग में कोमलता के बीच पानी लपेटे इस फल की अवस्थिति एशिया, मेडागास्कर द्वीप से लेकर पूर्व की ओर अमेरिकी के तट तक नारियल के कई नाम हैं जिनका मूल नारिकेल शब्द के विकृत रूप हैं। यह बात प्रायः सर्वसम्मत है कि नारियल का आदिस्थान भारत और बरमा के दक्षिण के द्विप (मालद्विप, लकद्विप, सिंहल, अंडमान, सुमात्रा, जावा इत्यादि) ही है। भारतवर्ष में नारियल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य केरल है। जहाँ देश के कुल उत्पादन का लगभग 45 फीसदी है। नारियल उत्पादन के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में केरल नारियल उत्पादक राज्यों में सर्वप्रथम है। वहीं नारियल विश्व में भारत नारियल के उत्पादन करने वाले देशों में सबसे अग्रणी है। 
             नारियल के प्राकृतिक लाभ और वैश्विक रूप से स्थापित व्यापार पर आधारित विश्व नारियल दिवस प्रतिवर्ष 2 सितंबर को मनाया जाता है। नारियल के महत्व और लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की प्रासंगिकता आवश्यक है। नारियल के कई फायदे हैं और यह सबसे बहुमुखी फलों में से एक है। यह खाने योग्य होता है और इसके तेल को त्वचा पर भी लगाया जा सकता है। भारतवर्ष सहित प्रमुख नारियल उत्पादक देशों में हर साल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस हर्षोल्लास से मनाया जाता है।इस विशेष दिन की शुरुआत जकार्ता, जकार्ता में मुख्यालय वाले एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा की गई थी। नारियल प्राथमिक उपयोग से लेकर नारियल के रेशों, नारियल के कठोर भाग से लेकर नारियल के पानी का व्यापारिक महत्व है। विश्व का सबसे बड़ा नारियल 705एन. जैमग ब्लवड के ओक क्लिफ पर स्थित है।
               पोषक तत्वों से भरपूर नारियल न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। अपितु धार्मिक अवसरों में इसकी प्रासंगिक होना अनिवार्य है। इसी कारण से मांग हमेशा बनी रहती है और इसका एक व्यापारिक महत्व भी है। नारियल का प्रत्येक भाग किसी न किसी काम में आता है। नारियल की खेती करने वाले किसान हमेशा लाभान्वित होते हैं। नारियल के जल मेंपोटैशियम,कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, लौह, ताम्र, फॉस्फोरस, क्लोरिन, गंधक, विटामिन सी और कुछ मात्रा में विटामिन बी पाया जाता है। इसका तेल बाल बढ़ाने में मददगार ते होता ही है इसके साथ त्वचा रोगों को नष्ट करने वाला और कमजोरी को दूर करने में सहायक होता है। भारत में नारियल का सबसे ज्यादा उत्पादन केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में होता है। 
                  नारियल के बढ़ते मांग ने इसके स्वरूप को अप्डेट करने का काम किया है। अब बोतल बंद नारियल पानी की मार्केटिंग जोर पकड़ रही है। धीरे-धीरे इसका बाजार स्थापित हो रहा है। खाड़ी और यूरोपीय देशों के अलावा अमेरिका को अब निर्यात भी किया जा रहा है। नारियल से नारियल पाउडर, नारियल दूध, नारियल दूध पाउडर, कॉयर फाइबर और कोकोपीट जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। वहीं इसके कठोर कवच से चारकोल बनता है और परिपक्व नारियल के पानी से विनेगर बनाया जाता है। बढ़ती मांग के चलते नारियल फार्मर्स के लिए आमदनी के अच्छे विकल्प विकसित हो रहे हैं। 


लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़