Friday, September 23, 2022

अभियंताओं के कड़ी मेहनत से निर्मित होती हैं वैभवशाली इमारतें / Luxurious buildings are built by the hard work of engineers



                          (अभिव्यक्ति

किसी भवन निर्माण के स्थापत्य को देखकर उसके निर्माणकर्ता और उसके नियोजित संगठन करने वाले अभियांत्रिकी के प्रमुख को अवश्य ही याद किया जाता है। प्राचीन काल से लेकर वर्तमान आधुनिकता के दौर में मानव सभ्यता ने आदिमानव के पाषाण काल से लेकर वर्तमान के गगनचुम्बी इमारतों के दौर तक का गौरवशाली सफर किया है। प्रतिवर्ष तीन सितंबर को गगनचुंबी इमारत दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में, गगनचुंबी इमारतों ने लोगों की विशद कल्पना और रचनात्मकता को परिभाषित किया है। गगनचुंबी इमारत कई मंजिलों वाली एक लंबी रहने योग्य इमारत है। ये ऊँची इमारतें लगभग 100 मीटर से 850 मीटर ऊँची हैं।
            लुइस एच. सुलिवन जिन्हें अक्सर 'आधुनिक गगनचुंबी इमारतों का जनक' कहा जाता है। इन्होनें 1880 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका की ऊंची इमारतों को गढ़ा गया था। उन्होंने वेनराइट बिल्डिंग, बेयार्ड-कॉन्डिक्ट बिल्डिंग, क्रूस म्यूजिक स्टोर और अन्य प्रसिद्ध इमारतों के पीछे मुख्य वास्तुकार थे।
               प्राचीन काल में वास्तुकला को समस्त कलाओं की जननी कही जाती थी। लेकिन वृत्ति के परिवर्तन के साथ और संबद्ध व्यवसायों के भाग लेने पर यह समावेशक संरक्षण की मुहर अब नहीं रही। वास्तुकला पुरातन काल की सामाजिक स्थिति को प्रकाश में लाने वाला मुद्रणालय भी कही गई है। यह वहीं तक ठीक है, जहाँ तक सामाजिक एवं अन्य उपलब्धियों का प्रभाव है। वास्तुकला भवनों के विन्यास, आकल्पन और रचना, परिवर्तनशील समय, तकनीक और रुचि के अनुसार मानव की आवश्यकताओं को संतुष्ट करने योग्य सभी प्रकार के स्थानों के तर्कसंगत एवं बुद्धिसंगत निर्माण की कला को कहते हैं। विज्ञान तथा तकनीक का संमिश्रण वास्तुकला की परिभाषा में आता है। इसका और भी स्पष्टीकरण किया जा सकता है।
            वास्तुकला किसी स्थान को मानव के लिए वासयोग्य बनाने की कला है। अत: कालांतर में यह चाहे जितनी जटिल हो गई हो, इसका आरंभ मौसम की उग्रता, वन्य पशुओं के भय और शत्रुओं के आक्रमण से बचने के प्रारंभिक उपायों में ही हुआ होगा। मानव सभ्यता के इतिहासका भी कुछ ऐसा ही आरंभ है।एक परियोजना के हर चरण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है, और यह लेख उनकी जिम्मेदारियों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है। हीटिंग और कूलिंग की जरूरतों को कम करते हुए, आर्किटेक्ट प्राकृतिक प्रकाश और वेंटिलेशन को अधिकतम करने वाली इमारतों को डिजाइन करके ऊर्जा दक्षता में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं। 
        भारत में सबसे ऊंची इमारतें जैसे वर्ल्ड वन, वर्ल्ड व्यू, द पार्क, ओंकार, नथानी हाइट्स, द 42, थ्री सिक्सटी वेस्ट टॉवर अ, वन अविघ्ना पार्क, इंपीरियल I और इंपीरियल II, थ्री सिक्सटी वेस्ट टॉवर B दुनिया की ऐसी इमारतों में शुमार होती हैं जो आज गगनचुम्बी की श्रेणी में उपलब्धि दर्ज कर गौरान्वित करती हैं। भारतीय वास्तुकला के एतिहासिक निर्माण के बेजोड़ नमूनें तो देखे ही जा सकते हैं। आधुनिक दौर में भी कई ऐसी इमारतें हैं जो विश्व में अपने उत्कृष्ट निर्माण शैली के लिए जानी जाती है। 


लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़