Friday, September 23, 2022

हमर गणित के गुरुजी आत्माराम निषाद

 
                             (जुन्ना-गोठ



गोठ जुन्ना हरे फेर बिते मोरे उपर रिहिस तेखर सेतिन जम्मों सुरता ह काली के हरै तइसे लगथे। हमर बिद्यालय म हर बछर कस शिक्षक दिवस मनाय के परम्परा आज घलो उसनेच हे जइसन मय इस्कूल म रहेव तभो रिहिस। मोला ओ समय साला नायक बनाय गे रिहिस। जम्मों झन कक्षा के कप्तान म ले चर्चा तो करेंन की ये तियारी करबो, वो तियारी करबो। मोर साला नायकी म मोर कक्षा के बिद्यार्थी मन के स्कूल नांगा के फिस के घलो कलेक्शन बने होगे रिहिस सोचेन की। जतेक फिस सकलाय हे ओखर जम्मों गुरुजी जइसे हमर प्रिंसिपल दीवान, संस्कृत वाले हरक राम शर्मा, सामाजिक विज्ञान वाले निलेश ठाकुर, विज्ञान वाले मिलन राम नेताम, भूगोल वाले मूलचंद निषाद, अंग्रेजी वाले हीरालाल अऊ गणित वाले हमर गुरुजी आत्माराम निषाद जी मन बर एक-एक पेन अऊ नरियर लेके बिचार होगे। जेकर से गुरु के सम्मान घलो हो जही अऊ बढ़िया कार्यक्रम तो हमन भी करा के दिखा देबों करके मंथन करे रेहेन। मय अऊ मोर सहपाठी भानूप्रिया मिलके योजना बना तो लेन फेर अब गोठ अइस की कार्यक्रम के संचालन कोन करही। हमर योजना अऊ जम्मों कार्यक्रम ल लेके सीधा मय निषाद सर कना पहुँच गेव अऊ बतायेंव की गुरुजी कार्यक्रम के जम्मों तियारी होगे हे। अऊ सबो व्यवस्था कर डारे हन। बस शिक्षक दिवस के संचालन बर आप ले निवेदन हे। कोन जनी गुरुजी काय बिचार मं रिहिस कहिन की शिक्षक दिवस के कार्यक्रम ल शिक्षक कइसे संचालन करही तो बने लगही का। कार्यक्रम तो हमन नइ रखवाये हन। कार्यक्रम तो तुहर हरे, तुमन तैयारी करे हव, तो संचालन भी तुमन करव। मय परियास करें की गुरुजी मान जाये फेर उल्टा मुही ला कही दिस जब कार्यक्रम के बारे मं अतेक बिचार लेके आये हस त, तिहिं संचालन कर दे। थोकन मुस्कुरावत निषाद सर मोला कक्षा बर भेज दिस। 
             बिज्ञान के पीरेड चलत रहाय हमन कागत के नान-नान चिट्ठी मं गोठियात रेहेन कि संचालन कोन करही। भानूप्रिया मोला समझाइस की संचालन तो तोला ही करना हे। एखर बाद कक्षा सिराइस अऊ निषाद सर गणित के पुस्तक लेके कक्षा मं पहुच गिस। मोर, परमेश्वर अऊ टेकराम के तिकड़ी जोड़ी रिहिस हमन सुरता करत हन काही बाचे थोड़ी हे गृहकार्य गणित के, ओती माहिनुर,वंदना अऊ भानूप्रिया मन के तिकड़ी गणित सवाल पुछे बर तियार रहे। निषाद सर, एकदम चुप रिहिन फिर थोकन देर म किहिन की दोपहर बाद म शिक्षक दिवस के रखे हे अईसे जानकारी मोला मिले हे। शाला नायक ह कार्यक्रम के संचालन अऊ रूपरेखा तको बताए हे। संचालन मं गुरु के ऊपर दोहा जइसे, गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा। गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः। के परयोग करके संचालन शुरु करे जा सकत हे। अइसे कही के दो चार बात निषाद सर जम्मों झन ल किहिस अऊ कक्षा ल समाप्त कर चल दिस।
         रिसेस के छुट्टी के बाद जम्मों बिद्यार्थी मन हमर हाई स्कूल के बरामदा मं सकला ले। कार्यक्रम के संचालन मय करे के प्रारंभ करेव। मोला एक गोठ समझ नइ अइस की जोन संगी-संगवानी मन के संग खेलत -कूदत अऊ गोठियात बतरात मोला कभू झिझक नइ लगे। तेला आज कइसे झूझकासी लगत रहय। मय कार्यक्रम के सुरुआत तो कर लेव फेर कान गर्म, मुह से बक्का नइ फूटे उपर ले लड़खड़ावत भाखा मं कार्यक्रम के संचालन करेंव। भगवान भरोसा मोर कार्यक्रम के एक घंटा टल गे। अंतिम म समापन करत-करत उही दोहा ल कहेव जोन निषाद सर बताय रिहिन। कार्यक्रम सिराय के बाद मय स्टाफ रुम म निषाद सर ले मिले बर गेव। निषाद सर साफ किहिन कि, एखर ले बेकार संचालन मय आज तक नइ देखे हवं। अइसने कोनो संचालन करथे का? संचालन करईया मनखे ल जम्मों कार्यक्रम, समय,अऊ रूपरेखा के नियम के अनुसासन ल पालन करे लगथे। आगे अऊ कार्यक्रम हे नवम्बर मं बाल दिवस अऊ जनवरी मं गणतंत्र दिवस के आगे भी तोला सुधार करना हे। काबर की अवइया जम्मों कार्यक्रम तोला ही संचालित करना हे। आज जइसे गलती कभू स्वीकार नइ होवय। निषाद सर जोन किहिन तेला सुनके मोर आसू डबडबागे। फेर मोल नइ पता रिहिस की अतेक चिल्ला दिही नानकुन गलती बर। रद्दभर सइकिल के पइडिल ओटत-ओटत आसू के धार निकलत रिहिस फेर सोचेव अगले कार्यक्रम मं बढ़िया संचालन करके दिखाहूँ।
              अक्टूबर के बाद बाल दिवस के कार्यक्रम रखे गिस जेकर मय संचालन फेर करेंव। ए संचालन म डर तो रिहिस फेर अंतस म विश्वास रिहिस की मोला निषाद सर के बिचार मं खरा उतरना हे। कार्यक्रम के संचालन करैव, समय म समापन होइस, मोला लगिस कुछू तो कही, निषाद सर। फेर कुछू नइ किहिन। मोला लगिस फेर कुछ ना कुछ गलती होगे का भगवान। ओ समय तो समझ नइ अइस की निषाद सर मन म खुस रिहिन लेकिन मोला बता के अति-आत्मविश्वास के बीमारी ले बचाय के परियास करत रिहिन।
            जइसे कुम्हार अपन घड़ा के निर्माण करे बर गिल्ला माटी बर कभू-कभू गुस्सा दिखाथे। ओला निखारे बर दस जतन करथे। उसने हमर प्रारंभिक शिक्षा के बेर मं हमर गणित के गुरुजी आत्माराम निषाद हम जम्मों बिद्यार्थी मन ल, कहानी, कथा, उदाहरण अऊ कभू-कभू फटकार ले हमरे भलई बर बिचार करे। वो संचालन के बेर टोकना अगर नइ होती त, मोला छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनिमायक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष महामहोपाध्याय डॉ. शिव वरण शुक्ल जी माइ पहुना के गरिमामयी उपस्थिति मं आदिवासी युवा मन के बिकास म चर्चा के कार्यक्रम के संचालन के सानिध्य अऊ सौभाग्य नइ मिले रहितिस। बिद्यार्थी जीवन म माता-पिता के बाद भावी बिचार करइया गुरु के अलावा कोनो नइ हो सके। आज घलो जुन्ना संगवारी मन जुर-मिलथन त सुरता जरूर करथ हमर गणित के गुरुजी आत्माराम निषाद सर जी ल। 



लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़