(अभिव्यक्ति)
चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में प्राथमिक उपचार यानी फस्ट एड का महत्वपूर्ण स्थान है। किसी रोग के होने या चोट लगने पर किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार देने की प्रक्रिया को प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं। उद्देश्य की भूमिका में सीमित साधनों में इतनी व्यवस्था करना है कि चोटग्रस्त या अस्वस्थ्य व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। यानी प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षित या अप्रशिक्षित व्यक्तिओं द्वारा कम साधनों में सरल उपचार देना है। यह प्रक्रिया जीवन रक्षक सिद्ध होता है।
फ्रेडरिक एस्मार्च, आधुनिक प्राथमिक चिकित्सा के संस्थापक एवं जनक माने जाते हैं। परिभाषात्मक रूप में, नियमित चिकित्सा सहायता प्राप्त करने से पहले किसी बीमार या घायल व्यक्ति को आपातकालीन देखभाल या उपचार दिया जाना प्राथमिक चिकित्सा सेवा है।प्राथमिक चिकित्सा किसी घायल या बीमार व्यक्ति को किसी भी चोट या अचानक बीमारी के लिए एम्बुलेंस, एक योग्य पैरामेडिकल या चिकित्सा व्यक्ति के आने से पहले या पेशेवर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने वाली सुविधा पर पहुंचने से पहले दी जाने वाली पहली सहायता या उपचारात्मक पहल है। प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत में जीवन की रक्षा करना सर्वोपरि है। जिसमें स्वास्थ्य के बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित रखने का प्रारंभिक स्तर है। संरक्षण को बढ़ावा देते हुए तत्काल कार्रवाई कर रहे हैं। स्थिति को शांत करने में आम लोगों की भूमिका महती होती है। बड़ा सवाल यह भी होता है कि प्राथमिक उपचार कैसे और कौन दे सकता है। इस स्थिति के लिए प्रारंभिक शिक्षा के स्तर में भारतीय स्कूलों में रेडक्राॅस सोसायटी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।जहाँ स्कूल के जीवन में बच्चों को प्राथमोपचार के गुर दिये जाते हैं। वहीं आम लोगों में जागृति के लिए वैश्विक स्तर पर 11 सितम्बर को प्रतिवर्ष प्राथमिक चिकित्सा दिवस का उत्सव मनाया जाता है। इस दिवस की भूमिका प्राथमिक चिकित्सा के बारे में लोगों की धारणा को सुधारने और प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा को जनता तक पहुँचाने का एक अवसर है। इस दिवस को आम लोगों में नगरीय एवं ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक चिकित्सा के महत्व, आपातकालीन नंबरों और अपने बच्चों के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट में रखी जाने वाली आवश्यक चीजों पर चर्चाएं होती हैं। किसी को भी प्राथमिक उपचार सीखने और जब भी संभव हो इसके महत्व के बारे में जानकारी फैलाने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसकी जागृति का के लिए पहल किये जाते हैं। ऐसा करके, वे दुर्घटनाओं में आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा के महत्व के बारे में जागरूकता भी बढ़ा सकते हैं। प्राथमिक चिकित्सा का इतिहास 160 वर्ष से अधिक पुराना है। ट्रॉमा के बाद के पहले 60 मिनट ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को लाने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है और इसे गोल्डन ऑवर कहा गया है। आघात के शिकार मरीज को यदि उचित प्राथमोपचार मिल जाता है,तो शारीरिक क्षति को बहुत हद तक बचाया जा सकता है। भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, हरियाणा राज्य शाखा एक स्वैच्छिक मानवतावादी संगठन है जिसमें हरियाणा में 21 शाखाओं का नेटवर्क है, आपदाओं/ आपातकाल के समय राहत प्रदान करता है और कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है। वर्तमान में कई कार्यक्रम एवं सेवा संगठन प्राथमिक चिकित्सा के क्षेत्र में कार्यरत हैं जो अच्छे भावी कल की कल्पना गढ़ते हैं।
लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़