Tuesday, August 30, 2022

रोजगार क्षेत्र के चयन के पूर्व आत्म आकलन जरूरी / Self-assessment is necessary before the selection of employment sector



                              (विचार


करियर या किसी भी व्यवसाय क्षेत्र के पेशे के रूप में चुनते समय युवावर्ग में पहली अनिवार्यता है स्वमेव आकलन करना है। सर्वप्रथम यह समझने कि कोशिश करना प्राथमिक शर्त है कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में है। हालांकि केवल किसी विशेष क्षेत्र में रुचि रखना काफी नहीं है। इसके अलावा आपको यह भी देखना चाहिए कि क्या आप उस विशेष व्यवसाय के लिए अच्छी तरह अनुकूल हैं। वर्तमान समय में शिक्षा और कौशल उन्नयन के लिए उचित मार्गदर्शन के अभाव में युवा फौज पथभ्रम की स्थिति में आ जाती है। खाकर प्रारंभिक शिक्षा के पूर्ण होने के साथ-साथ युवावर्ग ऐसे संकाय का चयन करते हैं जिनका चयन उनके मित्रों ने भी किया हो। वास्तव में यह भीड़ बढ़ाने से ज्यादा कुछ विशेष नहीं है। जैसे साहित्य में रूचि रखने वाले छात्रों का विज्ञान विषय या वाणिज्यिक विषयों के चयन करना उतना ही अनर्थ है जितना मिट्टी के कच्चे घड़े में पानी भरकर संरक्षित रखने का प्रयास करना है। वास्तव में यह स्थिति अस्पष्टता और रोजगार के अवसरों की सुगमता से अपने मूल विचार, अभिवृत्ति और अभिव्यक्ति से समझौता करने के बराबर है। उदाहरणतः पैरामेडिकल के पदों की भर्ती के लगातार होते देखकर युवा सोचता है की वर्तमान में इससे बेहतर विकल्प नहीं है। वह उसी संकाय की पढ़ाई में लग जाता है। संभवतः उसकी पढ़ाई में तीन से चार वर्ष की अवधि निकल जाती है। अब यह स्थिति है कि उक्त पदों में भर्तियां कम होने को लगते हैं। चूंकि उसी बैच के दौरान कई विद्यार्थियों ने पैरामेडिकल के संकाय का चयन किया होता है। जिससे पदों की संख्या कम और अभ्यार्थियों की संख्या अधिक हो जाती है। परिणामस्वरूप रोजगार के संसाधन की अल्पता कहीं न कहीं बेरोजगारी को बढ़ा देती है। वहीं दूसरी स्थिति यह भी है कि जिन लोगों ने अनमने से उस संकाय में प्रवेश लिया था और रट्टू-तोता की स्थिति ने उन्हे रोजगार तो दिला दिया। लेकिन रुचि की कमी के कारण वे अपने सेवा क्षेत्र से न्याय नहीं कर पाते हैं। किसी संकाय विशेष की आलोचना नहीं अपितु वास्तविक स्थिति को उदाहरणार्थ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। 
           करियर चयन किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह किसी भी व्यक्ति के जीवनशैली का नेतृत्व करता है। जिससे समाज में उसकी स्थिति सुनिश्चित होती है। जहाँ हर कोई एक अच्छी जीवन के सपने देखता है वहीँ हर कोई मजबूत कैरियर बनाने में सक्षम नहीं होता जो अच्छी जीवन शैली को निर्धारित करता है। करियर आमतौर पर किसी व्यक्ति के जीवन के पेशेवर पहलू से जुड़ा होता है। करियर का चयन करना एक बड़ा निर्णय है और विडंबना यह है कि जब हमें ऐसे निर्णय लेने की आवश्यकता होती है तो हम इस तरह के बड़े निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं होते। हम अभी हमारे स्कूली जीवन में हैं जहाँ हमें विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी स्ट्रीम के बीच चयन करना पड़ता है जो मुख्य रूप से हमारे बाद के करियर के रास्ते को प्रभावित करता है। 
           बहरहाल, करियर की शुरुआत से पहले आपके अंदर का पोटेंशिअल जानना आवश्यक है। करियर के चयन के साथ-साथ अपनी अभिरुचि का ध्यान रखना आवश्यक है। अन्यथा सम टाइम आई लव माय जॉब, सम टाइम आई हेट माय जॉब के भारी डॉयलॉग चिपकाते देखे जा सकते हैं। किसी भी स्थिति में ऐसे पेशे का चयन उचित नहीं जिसमें आपका मन नहीं लगे। ऐसी स्थिति में ना तो आप अपने कैरियर के साथ न्याय कर सकते हैं और ना ही सेवा क्षेत्र में अपना बेस्ट दे सकते हैं। 


लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़