Wednesday, June 29, 2022

इंटरनेट एक्स्प्लोरर का वेब दुनियाँ में आज आखरी दिन / Internet Explorer's last day in the web world


                         (परिदृश्य

इंटरनेट की दुनियाँ में दूसरे सबसे पुराने वेब ब्राउज़र यानी इंटरनेट एक्सप्लोरर का 16 जून को आधिकारिक तौर पर संचालन बंद होने जा रहा है। इसकी घोषणा माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही कर दी है। सन् 1994 में मोज़ेक पहला ब्राउज़र था जो पाठ में अंतर्निहित छवियों को दुनिया का पहला सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र बन गया था। इसके उन्नति के पश्चात् माइक्रोसॉफ्ट ने सन् 1995 में इंटरनेट एक्सप्लोरर को विकसित किया जो मोजेक की तुलना में तीव्र और गतिशील हो। माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर या लघुरूप में आई.ई. ग्राफ़िकल वेब ब्राउज़रों की एक संकलित श्रेणी है। जिसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के द्वारा किया गया । माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 1995 से प्रारंभिक विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम लाइन का एक सॉफ्टवेयर है। 1999 के वर्ष में पूरी दूनिया में यह ब्राउज़र बहुप्रचलित हुआ। वहीं 2002-03 के बीच प्रयोग का 95 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्ता इसी ब्राउज़र से सर्फिंग करते थे। उस समय आइई-5 और आइई-6 लोकप्रिय संस्करणों में से एक थे। कुछ वर्ष पूर्व ही में आइई. के नवीन संस्करण 8 लॉन्च किया गया।माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार तत्कालीन समय में कहा गया की, यह अब तक का सर्वोत्तम ब्राउज़र है। नवीन आईई पहले के संस्करणों से 40%  तेजी से कार्य करता है। यह वेबपेज को तेजी से रेंडर करता है और वीडियो भी तेजी से चलते है। एक दौर में गूगल ने भा माना की,यह ब्राउजर फायरफोक्स और क्रोम दोनों से तेज है। इसमें दो ऐसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ जोडी गई हैं जिससे प्रयोक्ताओं और उनकी प्राइवेसी को काफी सुरक्षा मिलती है। पहला क्रोस साइट फिशिंग, तात्पर्य है की आईई8 वेबसाइट या वेबपेज पर रखी गई हानिकारक स्क्रिप्ट की पहचान कर लेता है और ऐसे पन्नों को खोलता नहीं है। जिससे प्रयोक्ताओं के कंप्यूटर में ऐसी स्क्रिप्ट स्थापित नहीं हो पाती थीं। दूसरा लाभ या सुविधा यह कि, क्लिक-हाइजेकिंग यानी कई बार प्रयोक्ताओं को कोई बटन दिखाया जाता है जिसे दबाने पर नया पन्ना खुलेगा ऐसा बताया जाता है। वास्तव में यह हाइजैकिंग स्क्रिप्ट होती है जिससे कोई हानिकारक सक्रिप्ट कंप्यूटर में स्थापित हो जाती है। आईई8 ऐसी किसी भी स्क्रिप्ट को रोकने में सक्षम था। आईई 8 के टैब में काफी बदलाव किये गए थे।
               बहरहाल, वर्ष 2002 में वेब की दुनिया में विकसित मोजिला का फायरफॉक्स और वर्ष 2008 में गूगल क्रोम के आने का बाद से इंटरनेट एक्स्प्लोरर को वेब- बाजार  में कड़ी टक्कर मिली जिसका प्रतिफल रहा की आइई. के शेयर कम होते चले गए। वर्तमान समय में गूगल क्रोम का सभी प्लेटफार्मों में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे लोकप्रिय ब्राउजर है। वहीं एप्पल इस्तेमाल करने वाले 16.6 फिसदी लोगों को सफारी पसंद हैं।जबकि गीक्स मोज़िला के फ़ायरफ़ॉक्स 4.26फिसदी, ओपेरा 2.फिसदी, विवाल्डी 0.04 फिसदी लोग उपयोग करते हैं। कहने का तात्पर्य है इंटरनेट एक्सप्लोरर 11 के संस्करण को अब 16 जून के बाद से पूर्णतः बंद कर दिया जायेगा। गिरते यूजर्स के कारण भी यह फैसला माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा लिया गया है। माइक्रोसॉफ्ट ने 16 अगस्त 1995 को इंटरनेट एक्सप्लोरर को रिलीज इस वेब ब्राउज़र के कई संस्करण आए। ज्यादातर लोगों ने इंटरनेट चलाना इस वेबसाइट के जरिये ही सीखा है।
                माइक्रोसॉफ्ट ने 27 साल की सेवा के बाद अपने सबसे पुराने ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोरर को बंद करने की घोषणा की है। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि वह पुराने ब्राउजर के लिए मैनस्ट्रीम सपोर्ट को समाप्त कर देगा। वहीं आइई. की जगह माईक्रोसॉफ्ट एज ले लेगा, जो कि आइई. से तेज, सुरक्षित और अधिक सरल है। वहीं माईक्रोसॉफ्ट एज आधुनिक दौर के आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। जो इंटरनेट पर उपलब्ध अन्य वेब ब्राउज़र की भांति हैं। 


लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़