(निदर्शन)
लम्बी दूरी वाला सम्बंध दो साथियों के बीच एक आभ्यंतर सम्बंध होता है। जो भौगोलिक रूप से एक दूसरे से काफ़ी दूर होते हैं। लम्बी दूरी वाले सम्बंध में शामिल साथी एक-दूसरे से भौगोलिक विभाजन झेलते हैं और आमने-सामने के सम्बंध से वंचित होते हैं। यह दूरी विशेष रूप से कॉलेज के विद्यार्थियों में पाई गई है। जिनकी संख्या ऐसे सारे सम्बंधों में २५% से ५०% के बीच देखी गई है। हालाँकि शोधार्थी स्नातक के विद्यार्थियों के बीच लम्बी दूरी वाले सम्बंध की सूचना दे चुके हैं, पर इस सम्बंध पर अध्ययन अभी कम है परंतू प्राथम्य 1990 में प्रारंभ हो चुकी थी। लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप की कई परिभाषाएं हैं, उन्हीं की ओर इंगित करते हुए गुल्डनर (1996) ने "मेरा साथी बहुत दूर रहता है।मुझसे इतना दूर है कि उसे देखना बहुत मुश्किल या असंभव होगा" और "मेरा साथी मेरे इतना करीब रहता है कि मैं उसे हर दिन देख सकता हूँ अगर मै दूसरे आप्शन को चुना है"। ये भिन्न परिभाषाएँ बताती हैं कि कई कारक इसमें भूमिका निभा रहे हैं। यह निर्धारित करना कि कोई रिश्ता लंबी दूरी का है या गैर-लंबी दूरी का है और हो सकता है।
हालाँकि, लंबी दूरी की परिभाषाओं में भिन्नता के कारण, का अनुमान इस प्रकार के संबंधों की व्यापकता सटीक नहीं है, फिर भी अध्ययनों ने स्थापित किया है। 2007 में बर्गन, किर्बी और मैकब्राइड के संयुक्त शोध का अनुमान है कि लगभग तीन मिलियन विवाहित अमेरिकी अपने जीवनसाथी से दूर रहते हैं। आजकल, यह घटना केवल वैवाहिक संबंध तक सीमित नहीं है।
वर्ष 2000 में अर्नेट ने यह देखा कि कई कॉलेज के छात्र लंबे समय तक किसी न किसी रूप का इस अनुभव करते हैं जैसे दूरी डेटिंग होना। 2003 में लंबी दूरी के संबंधों के बारे में सबसे बड़े अध्ययन में गुल्डनर ने तुलना की, निकट-दूरी के रिश्ते में उन लोगों के साथ लंबी दूरी के रिश्ते में जोड़े चार अलग-अलग प्रतिमानों ते आधार पर : संतुष्टि, प्रतिबद्धता, अंतरंगता और विश्वास। परिणाम यह रहा कि दो समूहों के बीच कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं दिखाया और वास्तव में, शोधार्थी ने सुझाव दिया कि लंबी दूरी के रिश्ते के भीतर सफलता की संभावना उतनी ही समान है। जितनी कि अन्य में रिश्तों सफलता की संभावना होती है। आश्चर्य नहीं कि अन्य शोधकर्ताओं ने इन निष्कर्षों से सहमति व्यक्त की ( डैनटन और आयलर, 2001; स्टैफोर्ड एंड रेस्के, 1990) दूसरी ओर, शोध से पता चलता है कि जब यह आता है
लंबी दूरी के रिश्ते में कठिनाइयों के लिए, महिलाओं को दोष देने की अधिक संभावना है।जबकी गुलनर ने 1996 में संबंध को लेकर कहा, जबकि पुरुष बाहरी कारकों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
1995 में ही रोलफ़िंग ने लम्बी दूरी वाले सम्बंधों की चुनौतियों में दूरी, वित्तीय भार, भौगोलिकता और रूमानी पृष्ठों को रखा। बहारहाल वर्तमान में एक विवि के शोध में यह साबित हुआ है कि लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप के सफलता के 58 फिसदी अवसर हैं। जो प्रेम के सफलतापूर्वक आज भी समाज में स्थापित होने की स्थिति को दर्शाता है।
लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़