. 🇪🇬 *मेरी क्या गलती थी*
(लघुकथा)
प्राईवेट नर्शिंग होम का दृश्य है। एक महिला बिस्तर पर पड़ी रो रही थी..। डॉक्टर और अन्य स्टाफ इधर-उधर अन्य पेसेन्ट्स को देख रहे थे। वही पर बराम्दे पर एक आदमी बैठा हुआ था। अचानक ही धुंधा उत्पन्न हुई,कोई नन्ही सी बच्ची धूंध से बाहर आई।
- "कौन हो तुम??"
- "मैं आपकी बेटी, जिसे आपने अभी-अभी दुनियाँ में आने से रोक दिया।"
- "तुम आत्मा हो!!"
- "हां, मै आत्मा हूँ।"
- " तो क्या तुम बदला लेने आई हो।"
- "नहीं बस यह बतलाने आई हूं,कि जिसने आपको जन्म दिया वो भी बेटी थी,जिससे आपकी शादी हुई वो भी बेटी थी, जिससे परियों की कहानी सूने वो भी एक बेटी थी, पर शायद आपने मुझे मरवाने से पहले ये विचार न किया।"
वह आदमी शर्म से पानी-पानी हो गया और पश्चाताप करने लगा धूंध हटी और वह देव लोक की परी गायब हो गई। हर एक जिन्दगी अमूल्य है जीओ और जीने दो।
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*©पुखराज यादव "पुक्कू"*
महासमुन्द
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