(लघुकथा)
- *"लो,जी प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है।"*
- *"हां तो, क्या हुआ तुम्हें??, इतनी क्यो उखड़ी,उखड़ी हो??"*
- *उखड़ी हूई नहीं हु बस कुछ बहनों को याद कर रहीं हूं??"*
- *"किन्हे....??????"*
- *"निर्भया,मुन्नी,चुन्नी,कश्मीर की एक बहन, कोरबा की एक बहन, ऐसे ही कई बहनें है,उन्हीं को याद कर रही।"*
- *"फिर तुम सैडनेश मत लपेटो यार इतने अच्छे दिन पर!! तुम्हारा भाई भी आता होगा क्यो अपसेट होती है।"*
- *"नहीं...!!!जी बस सोच रही हूं, क्या रक्षाबंधन पर सिर्फ लोग अपनी बहनों की रक्षा करने की वचन से बंधते है,और दूसरों की बहनें क्या अपनी बहन नहीं होती है??"*
जरा-सा सोंच बदलकर देखे......फिर परिवर्तन स्वतः हो जाएगा।
By-
*✍🏻"पुखराज यादव पुक्कू"*
महासमुन्द
9977330179
*😊Happy Rakshabandhan😊*