Sunday, September 9, 2018

आप से ही कह रहा हूँ...by Pukkhu

कैसे-कैसे कवित्व के कवि कवित्री,
कंगुरिया को कैसे कदाचित करते कच।
कभी करो कवित्त काव्य को कृतामृत,
कच्चे-कच्चे विद्यार्थी हम भर दो ज्ञान रज।
        *पुखराज यादव*
              महासमुन्द