Monday, August 20, 2018

प्रभू क्यों हो मौन?



             हाईकू
      (वर्ण = ५-७-५)

गाता रहा वो,
मगर सुने कौन?
जिन्दगी धूप।

और करती,
तप्त चिलचिलाती,
सूनता कौन?

हर डगर,
हर मोड़ पर वो,
करे ध्यान वो?

मगर ख्याल,
यहां करे कौन?
सब है मौन..,

पीर घणे तो,
याद करे हे! राम,
वरना कौन?

राह बीनू रे,
राहगीर भूला-सा,
बताए कौन?

किसने सोचा,
कैसी प्रकृति माया,
गढ़े है कौन?

वो शांत देखे,
सब समझे ज्ञान,
रह वो गौण!!

कहां ईश्वर,
आओ ध्याहे हम भी,
कहां हैं मौन!!!

कितने वर,
कितने मांग मांगते,
खड़े है जोन,

कभी पूछे क्या?,
कैसे हो आप प्रभू,
कैसा भ-ूकोण?

सारी माया तो,
रचना तुम्हारी है?
क्यो आप मौन!

*©पुखराज यादव "पुक्कू*
          महासमुन्द