गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...अमीर आज अमीरी से परेशान है
हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा 7नवम्बर2016 को 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगाया गया। जिससे भ्रष्टाचार पर सबसे बडी कार्रवाई कहा जा रहा है। जिससे कालाधान रखने वालो पर नकेल लगाया जा रहा है। उक्त स्थिति पर एक कविता का प्रयास कर रहा हु जो आपको और साथ ही राष्ट्र के सभी लोगों के सुपुर्द कर रहा हुं।।
गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...
अमीर आज अमीरी से परेशान है।।
हुकुमत ने चंद नोट क्या बदले...
देखे डर के जद में महंत महान है।।
कोई कागज की तरह,
कोई नदी में नोट बहा रहा...।।
जो कल तक थे नोटों के तकिये लिए..
आज निन्द नहीं उन्हें और परेशान है।।
गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...
अमीर आज अमीरी से परेशान है।।
माना की थोडे हम भी रोड पर है....
एटीएम और बैंक के नोक पर है।।
भ्रष्टाचार से लडने को तैयार है...
दो-चार दिन को सहने हम तैयार है।।
वो तो डर में जी रहे हैं....
जो कालाधन के व्यापार में है।।
गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...
अमीर आज अमीरी से परेशान है।।
हम तो हर भ्रष्टाचार के खिलाफ खडे है....
लडते -लडते आज भी वही खडे है।।
अन्ना हो या नमों सबके साथ है....
आज फिर एक जुट हो कर कतार में खडे है।।
पांच सौ और हजार बंदी के फैसले में...
हम भी तैयार खडे है।।
गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...
अमीर आज अमीरी से परेशान है।।
कोई ना हेरा फेरी हो...
न कोई सिना जोरी हो।।
न देना खाता किराये पर उन्हें........
जिनके नियत में चोरी हो।।
इस पर किसी से झुकना...
थक जाना गरीबी से पर.....
काले रंगों वाले सफेद चेहरे से बचना।।
गरीबों को आज गरीबी पर गुमान है...
अमीर आज अमीरी से परेशान है।।
आपका
पुखराज यादव