Tuesday, November 29, 2016

मैनें देखा सुपर मून

मैनें देखा सुपर मून

 

                                                               note- this pic is only a imagination pic


रात का यही कोई 10 बजे का वक्त होगा। मै अपने विचारों में खोया आसमान की ओर देख रहा था । मन में कई विचार चल रहे थे तभी ख्यालो को तोडते हुए एक विचार मेरे मन में आया की अरे ये चंद का आकार बांकि दिनों से अलग ही नजर आ रहा है। बार बार मन यह इंगित करने कि कोशिश कर रहा था कि क्या छुट रहा क्या छुट रहा है तभी याद आया की आज ही सुबह तो किसी अखबार में यह पढा था कि चंद्रमा और पृथ्वी की दुरी 14 नवम्बर 2016 को सबसे कम दुरी पर रहेगा। मन में जैसे हर्ष का उद्घोष होने लगा जैसे मैनें कोई मैदान मार लिया हो। सचमें क्या नजारा था जैसे चांद को मै बहूत पास से निहार रहा हू। ये महसुस कर रहा था। इस दृश्य को ही कहा जाता है सुपरमून विव। 68 साल के बाद का यह नजारा देखने को मिला सचमें कितना अनुपम है यह।।
मेरे हृदय से निकले कुछ लफ्ज.........

चांद चंद कदम के फासलों में है,
मेरे निगाहों के दायरों में है।।
आंखो में भर कर दीदार को...
करलू गिरफतार इन नजारों को।
चांद चंद कदमों के फासलों में है,
मेरे निगाहों के दायरो में है।।