मयखाना
1. मयखाने में मेरा जाना आम है....
पीके जाम छलकाना आम है....
हर लोग कहते है साहब पीके है....
पीके ना लडखडना क्या आम है....
2. नषा अगर षराब में होता....
तो बोतल क्यों नही झूमते...
खाके चक्कर वो मंद मंद क्यो ना घुमते....
सारा मयखाना झूम उठता...
नषा अगर षराब में होता....
3. नषा आज फिर सर पर आया है...
मस्त मूड में आज षाहब आया है...
देख दोस्त बूरा ना मानना.....
अपन आज फिर मयखाने से आया है...
4. निट पिने का आदत है बुरा...
संग को ना हो तो जाम पीना बूरा....
अकेले में क्या मजा आता है....
बिना दोस्तों के मयखाना जाना होता है बुरा....
5. एक षाम मयखाने के नाम हो जाये....
चल दोस्त मेरे देास्त जाम पर जाम हो जाय
पीके चिखे थे मोहल्ले में याद है....
फिर से कल की तरह प्रोग्राम हो जाये...
6. महफिल में जब आती हो....
कसम से पूरे बोतल का नषे का एहसास करती हो...
बिन पीये ही नषा सा हो जाता है...
आंखों से इतना नषिली तिर चलाती हों...
7. प्यार का नषा भी अजिब है....
सारे जहां से अजिज है...
नषे में खेा जायें वो जूदा होता है...
षायद इसी लिये कहते की प्यार में खुदा होता है...
8. एक नाम याद आया...
गम का एहसास फिर आया....
ए दोस्त कोई तगडा पैक बना यार....
दिल का दर्द फिर याद आया....
9. नाम उसके एक जाम हो जायें...
एक षाम उसके नाम हो जाये...
दांेस्तो जरा धिरे पीना ये मोहब्बत का जाम है...
जाम से कही हैंगओवर का काम ना हो जायें...
10. षाम हो गया चत घर चलते है...
हो गई रात चल घर चलते है...
दोस्त तुझे चढ गया है बहूत....
अब बस कर चल घर चलते है...