जहर
1. वो जहर मांगता है....
तन्हा हो षहर से कोई....
ऐसा वो घर मांगता है....
अपवाह है षायद की वो जिन्दा है...
मरके भी वो....
जिन्दगी की सहर मांगता है...
2. षहर -षहर सब जहर है....
इंसान पर इंसान का कहर है....
अब तो पल में खाक होते है रिस्ते....
क्यों खेाजता फिर जहर है....
3. ये अपवाह आम है...
षहर में जहर बिक रहा खुले आम है...
षाम होते ही जूगाड ढुढते है...
षराब पी रहा है षहर...
ये मामला अब सरेआम है...
4. जहर से दोस्ती है फिर डर क्यों...
षहर में मौत सस्ती है फिर डर क्यों....
वो वो भी डरता है न जाने क्यों...
बस्ती बस्ती ये खबर है फिर डर क्यों....
5. जिन्दगी जहर है...
कोई इंतेजाम चाहिए... .
षहर में मर रहे है कई...
कोई हकिम कोई निजाम चाहिए...
6. आफत से दोस्ती ना कर...
जरा संभल ये जिन्दगी है...
जिद मत कर....
वो जहर है...
पगले उससे दिललगी ना कर....
7. दर्द से दवा मांगने चला हूं...
गम से खुषी मांगने चला हूं....
माना की थोडा पिछे हूं....
जहर से जिन्दगी मांगने चला हूं....
8. जिन्दगी महंगी है...
मौत सस्ती है...
वो देखों बेवकूफ.....
जहर पीके जिन्दगी की....
दूआ मांग रहा हैकृ
9. साहब अपन तो जिन्दगी नही.....
मौत मांगता है...
नरक से आजादि का....
षौक मांगता है....
वो बेषक जिये सालों साल...
अपन तो जहर से मौत का
भीख मंगता है...
10. जिन्दगी में एक रवानी चाहिए...
जो करना है तुझे करले...
मै जहर से मरूगां भी नहीं...
मुझे दूष्मन भी खानदानी चाहिए....