Thursday, January 12, 2023

अप्रत्यास्थ शैली से बेहतर है सकारात्मक मीठे बोल


                 (अभिव्यक्ति) 


मानवीय संबंधों में पूर्व समय में व्यावहारिकता प्रधान थी, जहां व्यवहार की माधुर्यपूर्ण शैली की गरिमा में लोक एक बंधुत्व और अपनत्व का अनुभव करते थे।वर्तमान दौर में यदि आप से कार्य नहीं तो संबंध भी नहीं की धारणा की अप्रत्यास्थता और कठोर डर का प्रादुर्भाव हो गया है। जो संबंधों को मानवीय कम यांत्रिकी ज्यादा बना कर रख दिया है। यानी जिस यंत्र की उपयोगिता नहीं उससे दो कदम दूरी बना कर रखना लोग उचित मानने लगे हैं। जैसे कार्यस्थल को ही सोदाहरण देखने का प्रयास करें तो, हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण विकासों में से एक लगभग हर प्रकार की कार्य सेटिंग में पारस्परिक कौशल का बढ़ता महत्व रहा है। कई नियोक्ताओं के लिए, पारस्परिक कौशल हस्तांतरणीय कौशल की एक महत्वपूर्ण श्रेणी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो एक कार्यकर्ता को काम पर लाने की उम्मीद है। कैरियर की सफलता प्राप्त करने के लिए आमतौर पर केवल तकनीकी क्षमता ही पर्याप्त नहीं होती है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि बहुत से लोग जिन्हें नौकरी प्राप्त करने या धारण करने में कठिनाई होती है, उनके पास आवश्यक तकनीकी क्षमता होती है, लेकिन पारस्परिक क्षमता की कमी होती है। यानी लोग संबंधों में दूरी और केवल कार्य एवं अर्थ की दृष्टि से लोग पारंगत तो हो रहे हैं। परंतु,व्यवहारिक पृष्ठभूमि पर शून्यता की ओर बढ़ने लगे हैं।
             मजबूत मानवीय संबंध गुणवत्ता वाले कर्मचारियों की भर्ती और उन्हें बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, उनके वेतन और लाभों को सुव्यवस्थित तरीके से वितरित कर सकते हैं और उनके निष्पक्ष और समान व्यवहार का समर्थन कर सकते हैं। ये कार्य किसी संगठन को काम करने के लिए एक अच्छी जगह के रूप में प्रतिष्ठा बनाने में भी सक्षम कर सकते हैं। मानवीय संबंधों की पहल यह भी सुनिश्चित कर सकती है कि मौजूदा कर्मचारी अपने कार्य कार्यों को सफलतापूर्वक करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि कर्मचारी काम में सक्षम और सफल महसूस करें। सकारात्मक कार्य वातावरण स्थापित करने से प्रतिधारण दरों में भी सुधार हो सकता है। इसके अतिरिक्त, मानव संबंध प्रतिनिधि किसी कंपनी के साथ कर्मचारियों के कार्यकाल की समाप्ति को पेशेवर तरीके से संभाल सकते हैं। यह किसी कर्मचारी के कार्यकाल के अंत में भी मानवीय संबंधों के लिए मूल्य दिखा सकता है, जो वर्तमान कर्मचारी मनोबल का समर्थन कर सकता है और विश्वास का निर्माण कर सकता है।
         स्वाभाविक है की जैसे बीज आप अपने सामाजिक परिदृश्य पर रोपित करते हैं।ठीक वैसे ही अंकुरण का आना सुनिश्चित है। लोगों के प्रति राग, द्वेष या अवक्षेप से कहीं बेहतर है उनके मनोबल को बढ़ाकर उनकी सकारात्मक वैचारिकता को बढ़ाने का प्रयास एक अच्छे व्यवहार शैली को जन्म देता है।


लेखक
पुखराज प्राज 
छत्तीसगढ़