Saturday, October 10, 2020

वो.....! जाने कब आयेगा? : प्राज


बातें हैं बहुत सी,दिलोदिमाग़ के दरमियाँ। 
महफुज चंद विचारों को कौन रख पायेगा? 

भूख को आज भी लोरी ही मिलेगी साथी, 
रिक्तियों के जाले,मर्तबान से कौन मिटायेगा? 

बेरोजगारी को जैसे प्रमोशन मिली हो चौगुनी,
दोगुनी भ्रष्टाचार के दाम,निलामी में हो चली। 


और नशे में धुत्त लुढ़कते नाबालिग कदमों को, 
जाने  कौन ? उत्कृष्ट  मार्ग पर लौटा पायेगा? 

दलाली के नये जेवरात,बड़ें शौंक से बिकाऊ हैं। 
क्रय-विक्रय के बीच कमिशन कौन रोक पायेगा? 

किताबी पुष्प  ना  हो जाएँ, ईमान की बातें, 
मानवता की पाठ, जाने कौन फिर से दोहरायेगा?

प्राज