(प्राज शौली में)
कितनी,
बातें होंगी,
जाने के बाद,
जाने कौन रखेगा तुम्हे?
स्मृति पटल पर,
पल भर,
याद।
कौन,
जाने बनाए,
नायक या शुन्य,
या अवक्षेपण मढ़ने लगे,
जीवन पुष्प के,
हत होने,
बाद।
अनुराग,
बांटते चल,
तू मुसाफ़िर बावरे,
अभियान बना अमर यह,
बांटते चल तू,
सबको यह,
प्रसाद।
राग,
प्रेम का,
गा कर हुऐ,
अमरत्व लब्धि हुऐ नाश्वर,
नाम का रखदे,
जगत् राज,
प्राज।।
✍पी.राज