. *❤अए दिल सून....*
तुझसे आशिकी तो नहीं,
लेकिन आशिकी से कम भी नहीं।
मुझमें कहीं ना कहीं हो,
ना कहना,मै लापता तो तुझमें नहीं।
कई ख़्वाब पिरोता हूँ,
मगर होते यार पूरे कुछ भी नहीं।
माना,ये दौर शिकायतें,
और हिदायतों की है चल निकली,
यत्न कर देखो दो-चार तो,
चाहे पत्ता टूटे एक भी.... नहीं।
माना आशिकी तो नहीं,
मगर मेरी जाँ,आशिकी से कम भी नहीं।
*पुखराज यादव "राज"*
pukkhu007@gmail.com
तुझसे आशिकी तो नहीं,
लेकिन आशिकी से कम भी नहीं।
मुझमें कहीं ना कहीं हो,
ना कहना,मै लापता तो तुझमें नहीं।
कई ख़्वाब पिरोता हूँ,
मगर होते यार पूरे कुछ भी नहीं।
माना,ये दौर शिकायतें,
और हिदायतों की है चल निकली,
यत्न कर देखो दो-चार तो,
चाहे पत्ता टूटे एक भी.... नहीं।
माना आशिकी तो नहीं,
मगर मेरी जाँ,आशिकी से कम भी नहीं।
*पुखराज यादव "राज"*
pukkhu007@gmail.com