वफा
1. एक इमतेहान दे आया....
वफा का पैगाम दे आया....
माना की मूमकिन नही है उसे पाना....
प्यार का पहला सलाम दे आया...
2. तेरी बातों में वफा दिखती है...
सच हो या झूठ...
सब की सब ठीक लगती है...
वाह कहू या आह....
हर अक्स मे तु दिखती है...
3. हर महफिल मे जाना ठीक नही...
यु वफा के नूमाइसे करना ठीक नही...
माना की हूस्न से मालामाल हो...
अकेले युं आना जाना ठीक नही....
4. वो तेरे वफाओ के दिन याद आते है....
वक्त दर वक्त की बातें याद आते है....
माना की अब वो वादे किसी और के हो गये...
बातों में बातें बनाना याद आते है....
5. मेरी वफाओं का इम्तेहान ना ले....
दिल का मेरे इक्जाम ना ले...
मै तो वफा गर हू....
मेरे मुझसे पहचान ना ले....
6. वफा की इंतेहा हो गई...
उसके आने की अब वजह हो गई...
वाह क्या कहू तूम्हे...
वफा की भी तूम्हारी इंतेहां हो गई....
7. चलो एक बार और धोखा सही....
वफा के राह में एक बार और सही...
माना की बडे धोखे है..
एक बार और धेाखा ही सही......
8. मेरी वफाई पर तेरी बेवफाई भारी है.....
दुनिया बडी बेचारी है....
वो हमदर्द बनकर दर्द दे गयी....
इष्क में भारी ये तेरी पारी है...
9. वो अपषाना याद आता है...
इष्क में दस बहाना याद आता है...
माना की वफाई मंे फेल ही सही....
तेरी वफाई में 100 बहाना याद आता है...
10. वाई फाई सी तेरी वफाई है....
बहाने खुदा से लेके आई है...
दस बहाने तैयार रहते है तेरे...
इष्कबाजी ऊपर से सिखकर आई हैं....