छत्तीसगढी कहिथे मोला
36गढ़ राज्य के मय राजकिय भाषा हरों।
मोला छत्तीसगढ़ी कहिथे। देखव न का जमाना आगे हे, मोर संगे के अऊ भाखा मन आज कहा ले
कहा पहूचगे हे अऊ मय कतेक पाछू रहिगेव। ऐकर कारन अतकि आये कि मोर भाखा, मोर
व्याकरण, मोर व्यवहारिकता ला कोनो नइ जानए। मोर भाखा ला समझैआ अऊ गोठ- बात करइया
मनखे मन दिने-दिन नंदावत हे। बहूतेच दरद होथे जब कोनो लइका, सियान ह मोर भाखा मिठ
बोली ल बोले बर लजाथे। कोन जनी का हो जथे ऐ मोर माटी के लाल मनला, जे अपन भाषा ले
शरमाथे। कालीच के गोठ आए मे एक बिहारी बाबू ल देखे का बढिया स्टाइल से भोजपुरी म
गोठियात बतरात रिहिस। मोर मन म एक बिचार अइस कि ए मनखे ह अपन राज के भाखा ले कतेक
परेम करथे जो दूसर राज म तको सूघ्घर गोठियात हे। अइसने ओडिया के, ब्रज के, मैथली
अऊ सबो भाषा, बोली के बोलइया मन कतेक अपन के भाखा ले परेम करथे के कहूचो रहए फेर
नइ भूलए। 36गढ़िया मन काबर अपन भाखा ले दू कोश दूरिहा भागे-भागे फिरथे। मोर गूर कस
मीठ बोली ला मोर लइका मन कइसे पराया कर देथे तेला मय नइ समझेव।
हमर राज म तो लइका के सियान
मनला ऐकर धियान रहिथे कि मोर नोनी- बाबू
जल्दी ले अंग्रेजी ला जाने ला सिखे। कोन जनि का के लाज लागथे 36गढ़ी के कि
लोंगन मन मोला भूलाए के नवा नवा मरम करत हे। सन्2000 के गोठ आए नवा राज के रूप म
36गढ़ के गठन होइस। मोर हिरदे के अंतश म खुशी के ठीकाना नइ रिहिस के चलव अब लोगन
मन मोला अपनाही फेर 16बरस होगे हे मोर हाल उहीच के उहीच हे। मन कहिथे कि राज तो
हमर होगे फेर बोली म परदेशी गोठ परगे।
आज् काली एक ठन बयार देखत हवव
मोला अब लोगन मन अपनाए लगे हे। बिलासपुर, रायपुर, अंबिकापुर, महासमुन्द, गरियाबंद
या जगदलपुर संगेसंग जम्मो जिला म मोर बोली के चहक अऊ मीठ बोली सूने ल मिल जथे।
आफिस के बाबू ले बडे अधिकारी या स्कूल के मास्टर जम्मो मोला प्रमूख भाखा के दर्जा
देवत हे। ये गोठ ह मोर बर सूघ्घर खबर आए। कोनो तो हबे मोर जे मन मोर संरक्षण म लगे
हे।।
जय -36गढ़