Saturday, September 3, 2016

ऐसिड अटैक और जीवन


ऐसिड अटैक और जीवन


 जीवन सबका तो सहज ही चलता रहता है । सभी के जीवन के विभिन्न पहलू होते है । कोई एक्टर कोई शिक्षक, कोई वैज्ञानिक तो कोई कुछ और बनना चहते है । समाज में कुछ ऐसे अपराधिक तत्व है जो समाज को अस्थिर बना देते है। इनके द्वारा किऐ गये कृत्यों से समाज के आमजनों का जीवन दहल उठता है। इन्ही घटनाओं में एक घटना है ऐसिड अटैक।
                              यह बड़ा दूखद , असहनीय दर्द और वेदना से भरा होता है, जीवन के हर कदम में हर क्षण में यह वेदना की तरह चूभता ही रहता है। ऐसिड अटैक का कारण वास्तव में क्षणिक आवेश और अपराधी के मन की हीन भावना का परीणाम होता है। जैसे ही उसे लगता है कि मेरा कोई अस्तित्व नहीं रहा और मानवीयता के विरूध विकार होता है तब वो ऐसिड अटैक जैसे भयावह घटनाओ को अंजाम देता है।
                              ऐसिड अटेक को एक कहानी के माध्यम से समझने का प्रयास करते है। एक लडकी जो की अपने परिवेश में रहती थी। उसने कॉलेज में दाखिले के लिऐ आवेदन करने जा रही थी, रास्ते में कुछ मनचले उसे और उसकी सहेलियों को छेड़ने लगे। उस लडकी ने मंनचलो की पिटाई करने लगी और आसपास के लोग भी पहूच कर उन लडको को सबक सिखाया।
                               इस मामले को लोग कुछ दिनों के बाद भूल गए। लगभग दो माह के बाद उसी लडकी पर किसी अज्ञात शक्स ने एसिड छीड़क दिया। उस लडकी का सुन्दर काया कागज के समान जलने लगा। वे सड़क पर दर्द से कराह रही थी। एसिड उसके आधे चहरे पर और गले तक फैल गया । वो वापस घर की ओर भागने लगी वो रास्ते में एक फल दूकान के पास पहूची। वहां पर गिर पडी, उसे वहां पर मौजूद लोगों ने संभाला और अस्पताल पहूचाया । जहां पर उसका इलाज हूआ। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हूऐ ऐसिड अटैक करने वालो की तलास में जूट गई।
                                 सप्ताह भर के भीतर में उन लोगों को पकड लिया गया। पता चला की ये वे ही लडके थे जिन्हे उस लडकी ने पीटाई की थी, जिसका बदला लेने के लिए ऐसिड फेका था। कानूनी कार्रवाई हूई, अदालती फैसले में गुनाहगारों को 7वर्षों की सजा दिया गया। पीडिता को मूआबजा और इलाज सरकार द्वारा कराया गया।
                                 5वर्षों के बाद उस लडकी के जीवन में कई उतार चढाव आऐ, उसने जीने की कला सीख लिया। वो आम जन जीवन में घूल मीलकर रहने लगी, लेकिन  जब वो घर से बाहर जाती तो हमेशा चेहरे पर स्कार्फ और घूघट रहता। कितना दर्द होता होगा इस पर्देपन से उसे इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते है। घर पर रहती तो सामान्य रहती, लेकिन आइने के सामने गलती से भी आ जाती तो पुराना दर्द कांटे की तरह चूभते होगें।
                                ऐसिड अटैक को अंजाम देने वाले ऐसे गुनाहगारों, कायरों और समाज के दोमूहे सापों से हमें कब छूटकारा मीलेगा। ऐसे गुनाहगारों के साथ या अपने प्रियजनों पर ऐसिड अटैक हो तब पता चलेगा की कितना दर्द होता है ।।

                           Stop Acid Attacks