Saturday, May 21, 2022

प्लास्टिक-तार से बनीं सड़कों में पर्यावरण संतुलन के परिदृश्य : प्राज / Scenario of environmental balance in roads made of plastic-wire



                            (चिंतन

पानी के बाटल से लेकर कैरी बैग्स तक हम किसी ना किसी रूप में प्लास्टिक का उपयोग करते हैं। आज से लगभग 114 वर्ष पूर्व 11 जुलाई को बेल्जियम मूल के अमरीकी वैज्ञानिक लियो बेकलैंड ने प्लास्टिक के अविष्कार के बाद एक जर्नल में कहा था कि, 'अगर मैं गलत नहीं हूं तो मेरा ये अविष्कार (बैकेलाइट) भविष्य के लिए अहम साबित होगा।' वाकई प्लास्टिक के अविष्कार के साथ एक गज़ब कहानी भी की प्लास्टिक ना जलेगा, ना पिघलेगा और ना ही लगेगा। प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा सा बनने लगा। किसी भी वस्तु के निर्माण से लेकर उसके टिकाऊपन के लिए प्लास्टिक पर भरोसा तो ऐसे हुआ की हम आँख बंद करके प्लास्टिक को दिनचर्या में उपयोगी वस्तु बना बैठे। तब से लेकर अब तक, प्लास्टिक का किसी ना किसी रूप में उपयोग हो रहा है। बेहद सामान्य विचार करके देखते हैं आप जो प्लास्टिक कैरी बैग्स और बाट्ल के रूप में उपयोग करते हैं। उनका उपयोग के बाद क्या करते हैं? अधिकांश लोगों का जवाब कचरे की पेंटी की ओर इशारा होगा। गौर फरमाइये की यदि यही कार्य 135 करोड़ लोग रोजाना प्लास्टिक उपयोग के बाद फेकने का काम करें तो एक दिन में कितना कचरा होगा? तब छोटी सी प्लास्टिक पॉलिथिन और बाटल बड़ी समस्या को जन्म देंगे। वर्तमान में यही हो रहा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रतिवर्ष करीब 9,205 टन प्लास्टिक का भारी मात्रा में कचरा एकत्र करके रिसाइकिल यानी पुनर्चक्रित किया जाता है। जोकि कुल प्लास्टिक अपशिष्ट का लगभग 60 फीसदी है। जबकि, करीब 6,137 टन प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण ही नहीं हो पाता है।
              वहीं दूसरी ओर समुद्र में करीब हजारों टन प्लास्टिक बहा दिया जाता है। जिसका अर्थ है कि प्रति मिनट एक ट्रक कचरा समुद्र में डाला जा रहा है। यह स्थिति पृथ्वी के वातावरण के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है क्योंकि प्लास्टिक को अपघटित होने में 450 से 1000 वर्ष लग जाते हैं। वहीं दूसरी ओर कार्बन उत्सर्जन में हम वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर आते हैं। एक समय जो प्लास्टिक हमारे जीवन के सुख-सुविधाओं के लिए उपयोगी था। वहीं आज जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। बढ़ते प्लास्टिक के कारण कई प्रकार के प्रदुषण हो रहें हैं। ऐसे बेतरतीब होते पर्यावरण के दोहन को देखते हुए प्लास्टिक की उपयोगिता पर बहुत सारे प्रतिबंध लगाए गए हैं। लेकिन कई उपयोगिताओं से भरे प्लास्टिक से छुटकारा पाना इतना आसान थोड़ी है।
                      प्लास्टिक को यदि जलाने के विषय में विचार करें तो, वायु इतनी जहरीली हो जायेगी का श्वास लेना तो दूर जीवन पर संकट आन पड़ेगी। ऐसे में प्लास्टिक का रूपांतरण प्लास्टिक-तार के रूप में करके सड़क निर्माण में किया जा सकता है। इसी संदर्भ में बीबीसी की एक रिपोर्ट में वासुदेवन कहते हैं कि, 'प्लास्टिक-तार से बनी सड़कों में भारी वजन और हैवी ट्रैफिक सहने की क्षमता होती है। इस पर बारिश के पानी या जल-जमाव का कोई असर नहीं होता।' प्लास्टिक-तार से सड़कों का निर्माण वर्ष 2000 से प्रारंभ हुआ है। वहीं प्लास्टिक के समस्या से निपटने के लिए प्लास्टिक का उपयोग सड़क निर्माण में एक अच्छा विकल्प है। इसी के मद्देनजर वैश्विक स्तर में कई राष्ट्र भी इसी तरह से प्लास्टिक के कचरे के सड़कों के निर्माण में उपयोग के रास्ते स्वच्छता की ओर बढ़ रहे हैं। संभवतः भावी युवा पीढ़ी इस क्षेत्र में और भी शोध करें एवं प्लास्टिक के द्वारा होने वाले प्रदूषण से पृथ्वी को बचाने का भागीरथ प्रयास करें। 



लेखक
पुखराज प्राज
छत्तीसगढ़