Wednesday, October 31, 2018

Think about it....._ by Poet Pukhraj Yadav "Raj"

.         *💃🏻Think About it....*

जाने अब की फिल्मों में,
           पहले सा मजा क्यों नहीं आता है।
पहले की फिल्मों से क्या??,
           डायरेक्टर कुछ भी न सीख पाता है।
पहले स्क्रीन प्ले को देखकर,
           पब्लिक चिल्लाती थी मार-मार-मार,
तब जाकर विलेन मारा जाता था।
           जाने क्यों फिल्मों में वो मजा न आता है।
अब तो फिल्में ही यार समझ,
           किस पब्लिक को बराबर ही नहीं आता है।
जाने अब की फिल्मों में सिर्फ,
           मसाला ही क्यों छौंक मार परोसा जाता है।
और अश्लिलता बेहया होकर,
            70mm के पर्दे पर नंगा नाच दिखाता है।
जाने अब की फिल्मों में यारों,
            पहले सा मजा बिलकुल भी नही आता है।
   
          *🕴कवि-पुखराज यादव"पुक्कू"*
                          9977330179