Pages - Menu

Wednesday, October 31, 2018

My-Insperation....by Poet Pukhraj Yadav "Raj"



आँखों में तेरी,तस्वीर मेरी,
और फिर जांच क्या कहूँ?
गर्म सांसे और आँहें तोरी,
और फिर आँच क्या कहूँ?
बहक उठते थिरकते ताल,
और फिर नांच क्या कहूँ?
मीठी सी शरारत बस कर,
और फिर बांच क्या कहूँ?
तूने प्रेम पढ़ा दिया सखी,
और फिर सांच क्या कहूँ?
चल चल पल दो पल री,
और फिर छांच क्या कहूँ?
तुम ही तो आईना मेरी हो,
और फिर काँच क्या कहूँ?
ये रिश्ता पुक्खूप्रेरणा ज्यों,
और फिर शेष.. क्या कहूँ?

   *©पुखराज यादव*
pukkhu007@gmail.com