. *❤Thats called love*
क्या गज़ब पूछ बैठे वो,
इशारे ही इशारें में....!
सिर्फ लबों से उफ्फ निकली,
देख उनके नजारें में...!
कितनों-कितनों ने जाने??
क्या क्या लिखा है मोहब्बत को।
हमने तो कहाँ बस इतना...!
अक्षय धन है मेरे खजाने में......!
और जाने कैसे बयां करूँ?
क्या है इश्क की इबादत,मेरे दिल,
अजी मोहब्बत अधूरी हो सकती है,
लेकिन खत्म नहीं होती जमाने में।
*पुखराज यादव "राज"*
9977330179
क्या गज़ब पूछ बैठे वो,
इशारे ही इशारें में....!
सिर्फ लबों से उफ्फ निकली,
देख उनके नजारें में...!
कितनों-कितनों ने जाने??
क्या क्या लिखा है मोहब्बत को।
हमने तो कहाँ बस इतना...!
अक्षय धन है मेरे खजाने में......!
और जाने कैसे बयां करूँ?
क्या है इश्क की इबादत,मेरे दिल,
अजी मोहब्बत अधूरी हो सकती है,
लेकिन खत्म नहीं होती जमाने में।
*पुखराज यादव "राज"*
9977330179