*🙂पढ़कर देख कभी... मुझे*
नज़र फेर,अगर बैठे तो क्या हुआ...!
यादें भूल,ठहर बैठे तो क्या हुआ...!
नहीं टूटते,आसमां से रिश्ते राही हमारी.!
पल भर ही,नज़र मिले तो क्या हुआ...!
पहले जरा,बेहद,फिर उम्दा,अब अमादा,
तूझ पर हूए,फिदा तो खता क्या हुआ...!
युँ तो पता है,दिल तुम्हें की जिक्र होगा...
वीरानों में ही,तेरा नाम लूं तो क्या हुआ?
यकिन है..!,यादें मेरी दलिलें देंगी तूझे,
माना फैसले में घड़ी फिसली तो क्या हुआ?
_*पुखराज यादव "राज"*
Pukkhu007@gmail.com
नज़र फेर,अगर बैठे तो क्या हुआ...!
यादें भूल,ठहर बैठे तो क्या हुआ...!
नहीं टूटते,आसमां से रिश्ते राही हमारी.!
पल भर ही,नज़र मिले तो क्या हुआ...!
पहले जरा,बेहद,फिर उम्दा,अब अमादा,
तूझ पर हूए,फिदा तो खता क्या हुआ...!
युँ तो पता है,दिल तुम्हें की जिक्र होगा...
वीरानों में ही,तेरा नाम लूं तो क्या हुआ?
यकिन है..!,यादें मेरी दलिलें देंगी तूझे,
माना फैसले में घड़ी फिसली तो क्या हुआ?
_*पुखराज यादव "राज"*
Pukkhu007@gmail.com