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Wednesday, October 31, 2018

एक शेर.....अर्ज है....भाग-01

*बहर-* ख़फीफ़-
    (२१२२ २२१२ २१२२)

रूह मेरा मौजी बड़ा है यकीनन।
रोज आवारगी के लत में फिरता है।

*✍🏻पुखराज यादव"राज"*